आर-रिटर्न का समेकन – फेटर्स (FETERS) के अंतर्गत रिपोर्टिंग – ईएनसी और अनुसूची 3 से 6 फाइलों का प्रस्तुतीकरण बंद करना
भारिबैंक/2014-15/151 28 जुलाई 2014 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, आर-रिटर्न का समेकन – फेटर्स (FETERS) के अंतर्गत रिपोर्टिंग – प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 28 फरवरी 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.109 के साथ पठित 4 फरवरी 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.101 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार व्यापक सूचना प्रोद्योगिकी आधारित निर्यात डाटा प्रसंस्करण और निगरानी प्रणाली (EDPMS) 1 मार्च 2014 से लागू कर दी गई है और इससे प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को एक ही प्लेटफ़ार्म से विभिन्न विवरणियाँ रिपोर्ट करना सुगम हो गया है। 2. यह सूचित किया जाता है कि फेटर्स के अंतर्गत प्रस्तुत ईएनसी और अनुसूची 3 से 6 फाइलें सितम्बर 2014 के प्रथम पखवाड़े से प्रस्तुत करना बंद कर दिया जाएगा, क्योंकि इन विवरणियों में संग्रहीत सूचना ईडीपीएमएस के मार्फत उपलब्ध हो जाती है। प्राधिकृत व्यापारी बैंक यह सुनिश्चित करें कि 1 मार्च 2014 से पहले तैयार किए गए निर्यात पोत लदान बिलों/इन्वाइसों से संबन्धित लेनदेन डाटा संबंधी सभी ईएनसी और अनुसूची 3 से 6 की फाइलें 31 अगस्त 2014 से पूर्व रिपोर्ट कर दी जाएं। अपवादात्मक मामलों में ये डाटा, भारतीय रिजर्व बैंक से तकनीकी समर्थन ईमेल से प्राप्त कर, उसके बाद भी प्रस्तुत किया जा सकता है। 3. सितंबर 2014 के प्रथम पखवाड़े से फेटर्स के अंतर्गत केवल 2 फाइलें (अर्थात BOP6 फाइल और QE फाइल प्रस्तुत की जाएंगी और 29 फरवरी 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 84 में फेटर्स के तहत डाटा प्रस्तुतीकरण से संबंधित अन्य दिशानिर्देश अपरिवर्तित बने रहेंगे। 4. इस परिपत्र में निहित निर्देश, समय समय पर यथासंशोधित, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय, (बी॰पी॰कानूनगो) |
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