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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
प्रेस प्रकाशनी
फ़रवरी 10, 2022
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2021-22 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 8-10 फरवरी 2022
10 फरवरी 2022 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2021-22 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 8-10 फरवरी 2022 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (10 फरवरी 2022) को अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टि आर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए। एलएएफ़ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर बिना किसी परिवर्तन के 3.35 प्रतिशत पर और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) दर एवं बैंक दर 4.25
10 फरवरी 2022 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2021-22 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 8-10 फरवरी 2022 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (10 फरवरी 2022) को अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टि आर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए। एलएएफ़ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर बिना किसी परिवर्तन के 3.35 प्रतिशत पर और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) दर एवं बैंक दर 4.25
फ़रवरी 10, 2022
गवर्नर का वक्तव्य: 10 फरवरी 2022
10 फरवरी 2022 गवर्नर का वक्तव्य: 10 फरवरी 2022 मेरा यह कथन है कि, महामारी ने एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था को बंधक बना लिया है। कमी के संकेतों के बावजूद, कई देशों में दैनिक संक्रमणों की रिकॉर्ड संख्या और परिणामी रोकथाम के उपाय आर्थिक गतिविधियों की गति को प्रभावित कर रहे हैं, विशेष रूप से संपर्क-गहन क्षेत्रों में, यहां तक कि आपूर्ति में व्यवधान जारी है और प्रतिबंधित कार्यबल की भागीदारी श्रम बाजारों को सख्त करती है। कई देशों में मुद्रास्फीति बहु-दशक के उच्च स्तर पर
10 फरवरी 2022 गवर्नर का वक्तव्य: 10 फरवरी 2022 मेरा यह कथन है कि, महामारी ने एक बार फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था को बंधक बना लिया है। कमी के संकेतों के बावजूद, कई देशों में दैनिक संक्रमणों की रिकॉर्ड संख्या और परिणामी रोकथाम के उपाय आर्थिक गतिविधियों की गति को प्रभावित कर रहे हैं, विशेष रूप से संपर्क-गहन क्षेत्रों में, यहां तक कि आपूर्ति में व्यवधान जारी है और प्रतिबंधित कार्यबल की भागीदारी श्रम बाजारों को सख्त करती है। कई देशों में मुद्रास्फीति बहु-दशक के उच्च स्तर पर
फ़रवरी 10, 2022
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
10 फरवरी 2022 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि उपाय; (ii) वित्तीय बाज़ार; (iii) भुगतान और निपटान प्रणाली तथा; (iv) विनियमन और पर्यवेक्षण से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है । I. चलनिधि उपाय 1. आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ₹50,000 करोड़ की मीयादी चलनिधि सुविधा की अवधि को बढ़ाना 5 मई 2021 को, देश में कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के लिए तत्काल चलनिधि के
10 फरवरी 2022 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य (i) चलनिधि उपाय; (ii) वित्तीय बाज़ार; (iii) भुगतान और निपटान प्रणाली तथा; (iv) विनियमन और पर्यवेक्षण से संबंधित विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों को निर्धारित करता है । I. चलनिधि उपाय 1. आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ₹50,000 करोड़ की मीयादी चलनिधि सुविधा की अवधि को बढ़ाना 5 मई 2021 को, देश में कोविड-19 से संबंधित स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के लिए तत्काल चलनिधि के
फ़रवरी 03, 2022
अप्राधिकृत फोरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफार्म के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक की चेतावनी
03 फरवरी 2022 अप्राधिकृत फोरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफार्म के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक की चेतावनी भारतीय रिज़र्व बैंक के ध्यान में अप्राधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्मों (ईटीपी) के भ्रामक विज्ञापन आए हैं, जिनमें भारतीय निवासियों को फोरेक्स ट्रेडिंग सुविधाओं के प्रस्ताव दिए जा रहे हैं, इनमें सोशल मीडिया प्लेटफार्म, सर्च इंजिन, ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्म, गेमिंग एप्प और इसी प्रकार की अन्य प्रणालियां शामिल हैं। ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि ये ईटीपी एजेंटों के माध्य
03 फरवरी 2022 अप्राधिकृत फोरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफार्म के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक की चेतावनी भारतीय रिज़र्व बैंक के ध्यान में अप्राधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्मों (ईटीपी) के भ्रामक विज्ञापन आए हैं, जिनमें भारतीय निवासियों को फोरेक्स ट्रेडिंग सुविधाओं के प्रस्ताव दिए जा रहे हैं, इनमें सोशल मीडिया प्लेटफार्म, सर्च इंजिन, ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्म, गेमिंग एप्प और इसी प्रकार की अन्य प्रणालियां शामिल हैं। ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि ये ईटीपी एजेंटों के माध्य
दिसंबर 22, 2021
मौद्रिक नीति समिति की 6 से 8 दिसंबर 2021 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
22 दिसंबर 2021 मौद्रिक नीति समिति की 6 से 8 दिसंबर 2021 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बातीसवीं बैठक 6 से 8 दिसंबर 2021 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिड़े, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, अवकाश प्राप्त प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्ट
22 दिसंबर 2021 मौद्रिक नीति समिति की 6 से 8 दिसंबर 2021 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बातीसवीं बैठक 6 से 8 दिसंबर 2021 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिड़े, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, अवकाश प्राप्त प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्ट
दिसंबर 08, 2021
गवर्नर का वक्तव्य: 8 दिसंबर 2021
8 दिसंबर 2021 गवर्नर का वक्तव्य: 8 दिसंबर 2021 यह वक्तव्य देते हुए, मैं एक वर्तमान-परिभाषित महामारी की दो लहरों से आघात पहुंचाने वाले अनुभव को देखता हूं। वास्तव में मानव जीवन के लगभग हर पहलू में भारी बदलाव आया है। फिर भी इस मुश्किल सफर में जो हासिल हुआ है वो भी कम असाधारण नहीं है। हम अब अदृश्य दुश्मन, कोविड-19 से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं, जो समय-समय पर और यहां तक कि हाल ही में पूरी दुनिया को भयभीत करता रहता है। 2. भारतीय अर्थव्यवस्था ने सचमुच 2020-21 की
8 दिसंबर 2021 गवर्नर का वक्तव्य: 8 दिसंबर 2021 यह वक्तव्य देते हुए, मैं एक वर्तमान-परिभाषित महामारी की दो लहरों से आघात पहुंचाने वाले अनुभव को देखता हूं। वास्तव में मानव जीवन के लगभग हर पहलू में भारी बदलाव आया है। फिर भी इस मुश्किल सफर में जो हासिल हुआ है वो भी कम असाधारण नहीं है। हम अब अदृश्य दुश्मन, कोविड-19 से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं, जो समय-समय पर और यहां तक कि हाल ही में पूरी दुनिया को भयभीत करता रहता है। 2. भारतीय अर्थव्यवस्था ने सचमुच 2020-21 की
दिसंबर 08, 2021
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2021-22 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 6-8 दिसंबर 2021
8 दिसंबर 2021 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2021-22 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 6-8 दिसंबर 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 दिसंबर 2021) को अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टि आर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए। एलएएफ़ के तहत रिवर्स रेपो दर बिना किसी परिवर्तन के 3.35 प्रतिशत पर और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) दर एवं बैंक दर 4.25 प्रत
8 दिसंबर 2021 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2021-22 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 6-8 दिसंबर 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (8 दिसंबर 2021) को अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टि आर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए। एलएएफ़ के तहत रिवर्स रेपो दर बिना किसी परिवर्तन के 3.35 प्रतिशत पर और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) दर एवं बैंक दर 4.25 प्रत
दिसंबर 06, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों के लिए यथा लागू), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश - नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदनगर, महाराष्ट्र
06 दिसंबर 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों के लिए यथा लागू), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश - नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदनगर, महाराष्ट्र जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम (एएसीएस), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप धारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 06 दिसंबर 2021 के निदेश संदर्भ सं. डीओएस.सीओ.एसयूसीबी-वेस्ट/
06 दिसंबर 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों के लिए यथा लागू), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश - नगर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदनगर, महाराष्ट्र जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह सूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम (एएसीएस), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए की उप धारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 06 दिसंबर 2021 के निदेश संदर्भ सं. डीओएस.सीओ.एसयूसीबी-वेस्ट/
दिसंबर 01, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना
01 दिसंबर 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD-I/D-28/12.22.2018/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30 नवंबर 2021 तक बढ़ाया था।
01 दिसंबर 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि बढ़ाना रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD-I/D-28/12.22.2018/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30 नवंबर 2021 तक बढ़ाया था।
नवंबर 30, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई- अवधि बढ़ाना
30 नवंबर 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई- अवधि बढ़ाना मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-4/12.22.141/2016-17 के माध्यम से 31 अगस्त 2016 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30 नवंबर 2021 तक बढ़ाया गया था। जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा स
30 नवंबर 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई- अवधि बढ़ाना मराठा सहकारी बैंक लि., मुंबई को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 31 अगस्त 2016 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-4/12.22.141/2016-17 के माध्यम से 31 अगस्त 2016 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30 नवंबर 2021 तक बढ़ाया गया था। जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा स
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