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जून 04, 2021
गवर्नर का वक्तव्य, 4 जून 2021
4 जून 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 4 जून 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 2, 3 और 4 जून 2021 को बैठक की और उभरती समष्टिआर्थिक और वित्तीय स्थितियों के साथ-साथ महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव का आकलन किया। अपने आकलन के आधार पर, एमपीसी ने नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखते हुए यथास्थिति बनाए रखने के लिए सर्वसम्मति से मत दिया। एमपीसी ने यह सुनिश्चित करते हुए कि मुद्रास्फीति भविष्य में लक्ष्य के भीतर बनी रहे, एमपीसी ने टिकाऊ आधार पर संवृद्धि को बनाए रखने एवं अर्थ
4 जून 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 4 जून 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 2, 3 और 4 जून 2021 को बैठक की और उभरती समष्टिआर्थिक और वित्तीय स्थितियों के साथ-साथ महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव का आकलन किया। अपने आकलन के आधार पर, एमपीसी ने नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखते हुए यथास्थिति बनाए रखने के लिए सर्वसम्मति से मत दिया। एमपीसी ने यह सुनिश्चित करते हुए कि मुद्रास्फीति भविष्य में लक्ष्य के भीतर बनी रहे, एमपीसी ने टिकाऊ आधार पर संवृद्धि को बनाए रखने एवं अर्थ
जून 04, 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए
4 जून 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) – मई 2021 परिवार मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (आईईएसएच) – मई 2021 समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर व्यावसायिक पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण – 70वां दौर1 ये सर्वेक्षण परिणाम इन सर्वेक्षणों पर प्रतिक्रिया देने वाले व्यक्तियों से प्राप्त प्रतिसूचना पर आधारित हैं और आवश्यक र
4 जून 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वानुमान सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित सर्वेक्षणों के परिणाम जारी किए: उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) – मई 2021 परिवार मुद्रास्फीति प्रत्याशा सर्वेक्षण (आईईएसएच) – मई 2021 समष्टि आर्थिक सूचकांकों पर व्यावसायिक पूर्वानुमानकर्ता सर्वेक्षण – 70वां दौर1 ये सर्वेक्षण परिणाम इन सर्वेक्षणों पर प्रतिक्रिया देने वाले व्यक्तियों से प्राप्त प्रतिसूचना पर आधारित हैं और आवश्यक र
जून 04, 2021
मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2021-22 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2-4 जून 2021
4 जून 2021 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2021-22 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2-4 जून 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (4 जून 2021) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर यह निर्णय लिया है कि : चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए। परिणामस्वरूप, एलएएफ़ के तहत रिवर्स रेपो दर बिना किसी परिवर्तन के 3.35 प्रतिशत पर और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) दर एवं बैंक दर 4.25 प्
4 जून 2021 मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2021-22 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2-4 जून 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (4 जून 2021) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिआर्थिक परिस्थिति का आकलन करने के आधार पर यह निर्णय लिया है कि : चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ़) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए। परिणामस्वरूप, एलएएफ़ के तहत रिवर्स रेपो दर बिना किसी परिवर्तन के 3.35 प्रतिशत पर और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ़) दर एवं बैंक दर 4.25 प्
जून 04, 2021
संपर्क-गहन क्षेत्रों के लिए मांग पर (ऑन-टैप) चलनिधि विंडो
4 जून 2021 संपर्क-गहन क्षेत्रों के लिए मांग पर (ऑन-टैप) चलनिधि विंडो 1. जैसा कि 04 जून 2021 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किया गया था, कुछ संपर्क-गहन क्षेत्रों अर्थात्, होटल और रेस्तरां; पर्यटन - ट्रैवल एजेंट, टूर ऑपरेटर और साहसिक कार्य/विरासत सुविधाएं; विमानन सहायक सेवाएं - ग्राउंड हैंडलिंग और आपूर्ति श्रृंखला; और अन्य सेवाएं जिनमें निजी बस ऑपरेटर, कार मरम्मत सेवाएं, किराए पर कार सेवा प्रदाता, कार्यक्रम/सम्मेलन आयोजक, स्पा क्लीनिक और ब्यूटी
4 जून 2021 संपर्क-गहन क्षेत्रों के लिए मांग पर (ऑन-टैप) चलनिधि विंडो 1. जैसा कि 04 जून 2021 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किया गया था, कुछ संपर्क-गहन क्षेत्रों अर्थात्, होटल और रेस्तरां; पर्यटन - ट्रैवल एजेंट, टूर ऑपरेटर और साहसिक कार्य/विरासत सुविधाएं; विमानन सहायक सेवाएं - ग्राउंड हैंडलिंग और आपूर्ति श्रृंखला; और अन्य सेवाएं जिनमें निजी बस ऑपरेटर, कार मरम्मत सेवाएं, किराए पर कार सेवा प्रदाता, कार्यक्रम/सम्मेलन आयोजक, स्पा क्लीनिक और ब्यूटी
मई 31, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
31 मई 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD-I./D-28/12.22.2018/2012-13 के माध्‍यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 31 मई 2021 तक बढ़ाया था। 2
31 मई 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार रूपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD-I./D-28/12.22.2018/2012-13 के माध्‍यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 31 मई 2021 तक बढ़ाया था। 2
मई 07, 2021
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाने के लिए ऑन-टेप मीयादी चलनिधि सुविधा
7 मई 2021 आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाने के लिए ऑन-टेप मीयादी चलनिधि सुविधा श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दिनांक 05 मई 2021 के वक्तव्य में घोषित किए अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि देश में कोविड से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं में तेजी लाने के लिए तत्काल चलनिधि के प्रावधान को बढ़ावा देने हेतु, रेपो दर पर तीन वर्ष तक की अवधि के साथ ₹50,000 करोड़ की ऑन-टैप चलनिधि विंडो को 31 मार्च 2022 तक खोला जाए। इस योजना क
7 मई 2021 आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाने के लिए ऑन-टेप मीयादी चलनिधि सुविधा श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दिनांक 05 मई 2021 के वक्तव्य में घोषित किए अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि देश में कोविड से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं में तेजी लाने के लिए तत्काल चलनिधि के प्रावधान को बढ़ावा देने हेतु, रेपो दर पर तीन वर्ष तक की अवधि के साथ ₹50,000 करोड़ की ऑन-टैप चलनिधि विंडो को 31 मार्च 2022 तक खोला जाए। इस योजना क
मई 05, 2021
गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021
5 मई 2021 गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021 वित्तीय वर्ष के रूप में 2020-21 - महामारी का वर्ष – खत्म होने के कगार पर था, पीअर्स के सापेक्ष, भारतीय अर्थव्यवस्था लाभप्रद रूप से तैयार की गई थी। भारत एक मजबूत बहाली की तलहटी में था, जिसने सकारात्मक संवृद्धि हासिल की, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह थी कि संक्रमण वक्र समतल हो गया । तब से कुछ हफ्तों में, स्थिति काफी बदल गई है। आज, भारत संक्रमण और मृत्यु दर की भयानक वृद्धि से लड़ रहा है। नया म्युटेंट स्ट्रैन उभरा हैं, जिससे स्व
5 मई 2021 गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021 वित्तीय वर्ष के रूप में 2020-21 - महामारी का वर्ष – खत्म होने के कगार पर था, पीअर्स के सापेक्ष, भारतीय अर्थव्यवस्था लाभप्रद रूप से तैयार की गई थी। भारत एक मजबूत बहाली की तलहटी में था, जिसने सकारात्मक संवृद्धि हासिल की, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह थी कि संक्रमण वक्र समतल हो गया । तब से कुछ हफ्तों में, स्थिति काफी बदल गई है। आज, भारत संक्रमण और मृत्यु दर की भयानक वृद्धि से लड़ रहा है। नया म्युटेंट स्ट्रैन उभरा हैं, जिससे स्व
अप्रैल 30, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
30 अप्रैल 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I./D-9/12.22.111/2016-17 के माध्‍यम से 30 मार्च 2017 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30
30 अप्रैल 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार दी कपोल को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 30 मार्च 2017 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I./D-9/12.22.111/2016-17 के माध्‍यम से 30 मार्च 2017 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30
अप्रैल 30, 2021
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, - अवधि का विस्तार
30 अप्रैल 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, - अवधि का विस्तार दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 26 अक्टूबर 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-3/12.22.163/2018-19 के माध्‍यम से दिनांक 29 अक्टूबर 2018 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का
30 अप्रैल 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, - अवधि का विस्तार दि नीड्स ऑफ लाइफ को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 26 अक्टूबर 2018 के निदेश सं. DCBS.CO.BSD-I/D-3/12.22.163/2018-19 के माध्‍यम से दिनांक 29 अक्टूबर 2018 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का
अप्रैल 23, 2021
राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डबल्यूएमए) की सीमा की समीक्षा
23 अप्रैल 2021 राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डबल्यूएमए) की सीमा की समीक्षा भारतीय रिज़र्व बैंक ने राज्‍य सरकारों से संबंधित अर्थोपाय अग्रिमों की सलाहकार समिति, 2021 (अध्‍यक्ष: श्री सुधीर श्रीवास्तव) की सिफारिशों के आधार पर राज्‍य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों (यूटी) की डब्‍ल्‍यूएमए योजना में निम्‍नानुसार संशोधन किया है: डब्‍ल्‍यूएमए की सीमा राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के कुल व्यय के आधार पर समिति द्वारा डब्‍ल्‍यूएमए की सीमा को ₹47,010 करोड़
23 अप्रैल 2021 राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डबल्यूएमए) की सीमा की समीक्षा भारतीय रिज़र्व बैंक ने राज्‍य सरकारों से संबंधित अर्थोपाय अग्रिमों की सलाहकार समिति, 2021 (अध्‍यक्ष: श्री सुधीर श्रीवास्तव) की सिफारिशों के आधार पर राज्‍य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों (यूटी) की डब्‍ल्‍यूएमए योजना में निम्‍नानुसार संशोधन किया है: डब्‍ल्‍यूएमए की सीमा राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के कुल व्यय के आधार पर समिति द्वारा डब्‍ल्‍यूएमए की सीमा को ₹47,010 करोड़

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: सितंबर 20, 2023

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