केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली (सीपीएस) तक गैर-बैंकों की पहुंच
उत्तर. रिज़र्व बैंक निम्नलिखित सीपीएस का स्वामित्व और परिचालन करता है:
i. तत्काल सकल निपटान (आरटीजीएस) प्रणाली - यह देश की बड़ी राशि की भुगतान प्रणाली है और इसे मार्च 2004 में आरंभ किया गया था। इसे बाद में उन्नत सुविधाओं जैसे हाइब्रिड कार्यक्षमता, चलनिधि प्रबंधन कार्यों, भविष्य की तारीख की कार्यक्षमता, मापक्रमणीयता, आदि के साथ आईएसओ 20022 मानक पर निर्मित अगली पीढ़ी के आरटीजीएस (एनजी-आरटीजीएस) के रूप में परिवर्तित किया गया था। लेनदेनों का निपटान आरबीआई की बहियों में सकल आधार पर वास्तविक समय में होता है और इसकी न्यूनतम सीमा रु.2 लाख है। आरटीजीएस, सीसीआईएल और एनपीसीआई जैसी सहायक भुगतान प्रणालियों से आने वाली बहुपक्षीय निवल निपटान बैच (एमएनएसबी) फाइलों का भी निपटान करता है। यह 14 दिसंबर 2020 से वर्ष के सभी दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध रहता है।
ii. राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) प्रणाली – यह एक खुदरा भुगतान प्रणाली है और इसे नवंबर 2005 में शुरू किया गया था। एनईएफटी एक स्ट्रेट थ्रू प्रोसेस है जो 16 दिसंबर 2019 से 24x7x365 आधार पर आधे-घंटे के 48 बैचों में परिचालित होता है । इसके अंतर्गत किसी एक लेनदेन में अंतरित की जा सकने वाली राशि के लिए कोई न्यूनतम सीमा अथवा अधिकतम सीमा नहीं है, जिसके कारण एनईएफटी एक लोकप्रिय हाइब्रिड भुगतान प्रणाली के रूप में उभरा है।
उत्तर. आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली को समझने के लिए निम्नलिखित लिंक का उपयोग किया जा सकता है:-
आरटीजीएस प्रणाली विनियमावली
एनईएफटी क्रियाविधिक दिशानिर्देश
आरटीजीएस पर एफएक्यू
एनईएफटी पर एफएक्यू
भुगतान प्रणालियों के लिए पहुंच मानदंड पर मास्टर निदेश
उत्तर. सीपीएस तक पहुंच वाली गैर-बैंक संस्थाएं स्टैंडअलोन प्राथमिक डीलर, स्टॉक एक्सचेंजों के समाशोधन निगम, केंद्रीय प्रतिपक्षकार (सीसीआईएल), खुदरा भुगतान प्रणाली संगठन (एनपीसीआई), चुनिंदा वित्तीय संस्थान (नाबार्ड, एक्जिम बैंक) और डीआईसीजीसी हैं।
उत्तर. बैंक, गैर-बैंकों को उनके भुगतान और निपटान की जरूरतों के लिए सेवाएं प्रदान करते रहे हैं।
उत्तर. सीपीएस में सीधी भागीदारी गैर-बैंकों के निधि अंतरण अनुदेशों के निष्पादन में विलंब को कम कर सकता है । इसके अलावा, यदि बैंक के कामकाज में कोई व्यवधान उत्पन्न होता है, तो यह उनके गैर-बैंक ग्राहकों के लिए भी व्यावसायिक व्यवधान उत्पन्न कर सकता है। इस तरह के व्यवधान, भले ही वे अस्थायी हों, प्रणाली में अस्थिरता लाने की क्षमता रख सकते हैं।
सीपीएस में सीधी भागीदारी बैंकों और गैर-बैंकों के बीच पहुंच संबंधी तटस्थता को सक्षम बनाएगा तथा गैर-बैंकों की बढ़ी हुई भागीदारी के साथ बेहतर निपटान जोखिम प्रबंधन की सुविधा प्रदान करेगा।
उत्तर. गैर-बैंक लगातार और सक्रिय रूप से वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं और सीपीएस तक सीधी पहुंच उन्हें प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और अपने उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प प्रदान करने में सक्षम बनाती है।
भुगतान परिदृश्य में निपटान जोखिम के प्रबंधन के अलावा, गैर-बैंकों की पहुंच और भागीदारी का विस्तार एक प्रगतिशील कदम है और यह भुगतान पारितंत्र की विविधता और आघात सहनीयता में परिणत होता है।
उत्तर. गैर-बैंकों के लिए सीपीएस तक सीधी पहुंच चरणबद्ध तरीके से सक्षम की जाएगी। पहले चरण में, निम्नलिखित प्राधिकृत गैर-बैंक पीएसपी को पहुंच प्रदान की जाएगी –
i. पूर्वदत्त भुगतान लिखत (पीपीआई) जारीकर्ता,
ii. कार्ड नेटवर्क, और
iii. श्वेत लेबल एटीएम परिचालक।
उत्तर. आरटीजीएस में सदस्यता के प्रकारों का विवरण आरटीजीएस प्रणाली से संबंधित विनियमावली के अध्याय 4 में वर्णित है। गैर-बैंक पीएसपी के द्वारा किए जा रहे लेनदेनों के प्रकार के आधार पर उनके लिए आरटीजीएस में सदस्यता के प्रकार को रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
उत्तर. आरटीजीएस प्रणाली सहभागियों को अंतर-बैंक / गैर-बैंक / ग्राहक लेनदेनों के लिए भुगतान शुरू करने और प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। एनईएफटी प्रणाली सदस्यों को खुदरा प्रकृति के लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजने और प्राप्त करने की अनुमति देती है। तथापि, एनईएफटी की सदस्यता केवल गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ताओं के लिए प्रासंगिक है।
आरटीजीएस प्रणाली पात्र सदस्यों को एमएनएसबी लेनदेनों को पोस्ट करने, आरटीजीएस में चालू खाते और निपटान खाते के बीच अपने खाते में अंतरण (ओएटी) करने में सक्षम बनाती है। उपरोक्त प्रश्न 7 के संदर्भ में, एमएनएसबी लेनदेन केवल कार्ड नेटवर्क के लिए प्रासंगिक हैं।
उत्तर. नहीं। भुगतान/निपटान दायित्वों को पूरा करने में किसी भी कमी/चूक के लिए, ऐसी संस्थाओं को बैंक से पूर्व-अनुमोदित ऋण व्यवस्था वाली सुविधा की आवश्यकता होगी। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि गतिरोध से बचने और व्यवसाय की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए अपने बैंकरों के साथ उचित चलनिधि सहायता संबंधी व्यवस्थाएं की गई हैं। पीएसपी द्वारा निधियों की उपलब्धता में ऐसी किसी भी कमी/चूक पर सीपीएस सदस्यता की समीक्षा सहित रिज़र्व बैंक द्वारा उचित विनियामक कार्रवाई की जा सकती है।
उत्तर. हां। ऐसे गैर-बैंक पीएसपी के लिए यह अपेक्षित होगा कि वे अपने नियमित भुगतानों का निर्वहन करने के लिए आरबीआई के साथ रखे गए अपने चालू खाते से वाणिज्यिक बैंकों के साथ बनाए गए चालू खातों में धन अंतरित करें। इस प्रयोजन हेतु आरबीआई के चालू खाते का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा, गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ताओं के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (बैंकों) के साथ निलंब खाते/खातों के रखरखाव पर जारी मौजूदा निर्देश लागू रहेंगे। कार्ड नेटवर्क को उनकी निपटान गारंटी और संबंधित गतिविधियों के लिए आरबीआई चालू खाते का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उत्तर. प्राधिकृत गैर-बैंक पीएसपी के लिए मौजूदा विनियामक अपेक्षाओं के अलावा, पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु निम्न में उल्लिखित विनियामक अपेक्षाओं का अनुपालन शामिल होगा:
भुगतान प्रणाली तक पहुंच पर मास्टर निदेश;
आरटीजीएस प्रणाली विनियमावली; तथा
एनईएफटी क्रियाविधिक दिशानिर्देश।
उत्तर. आवेदन की विस्तृत प्रक्रिया भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर दिनांक 17 जनवरी 2017 के मास्टर निदेश डीपीएसएस.सीओ.ओडी.सं.1846/04.04.009/2016-17 में दी गई है।
सीपीएस की सदस्यता के लिए सभी आवेदन मुख्य महाप्रबंधक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग (डीपीएसएस), भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), केंद्रीय कार्यालय, 14वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई - 400 001, को प्रस्तुत किए जाएंगे।
आवेदन अनुलग्नकों सहित भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश के परिशिष्ट - 1 "केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली की सदस्यता के लिए आवरण पत्र" में निर्धारित प्रारूप में होना चाहिए।
उत्तर. गैर-बैंक पीएसपी को केवल सीपीएस की प्रत्यक्ष सदस्यता की अनुमति होगी। उन्हें सीपीएस में उप-सदस्य के रूप में किसी भी बैंक/पीएसपी को प्रायोजित करने की अनुमति नहीं होगी।
उत्तर. दस्तावेजों की एक सांकेतिक जांच सूची नीचे दी गई है:
ए) सीपीएस की सदस्यता के लिए आवरण पत्र, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
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भाग-क: सामान्य जानकारी
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भाग-ख: वित्तीय और जोखिम प्रबंधन पहलू
बी) चालू खाते के लिए:
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आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय में चालू खाता खोलने के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-I)
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निगमन/पंजीकरण संबंधी मूल प्रमाणपत्र
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व्यवसाय आरंभ करने संबंधी मूल प्रमाणपत्र
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बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा विधिवत प्रमाणित संस्था के बहिर्नियम और अंतर्नियम / उपनियमों की एक अद्यतन प्रति
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अध्यक्ष द्वारा विधिवत सत्यापित प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के हस्ताक्षर के नमूने के साथ खाता खोलने हेतु प्राधिकृत करने वाले निदेशक मंडल के संकल्प (पीछे दिए गए नमूने के अनुसार) की सही प्रतिलिपि
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खाता परिचालित करने के लिए प्राधिकृत अधिकारियों की सूची
सी) इनफिनेट सदस्यता के लिए:
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इनफिनेट सदस्यता के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-IV)
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संस्था के पत्र शीर्ष पर आवेदक द्वारा दिया जाने वाला वचन पत्र
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इनफिनेट सदस्यता प्राप्त करने के लिए बोर्ड के संकल्प की प्रति
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मौजूदा आईटी बुनियादी संरचना का विवरण
डी) आरटीजीएस सदस्यता के लिए:
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आरटीजीएस सदस्यता के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-V)
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इनफिनेट सदस्यता संबंधी सूचना की प्रमाणित प्रति
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निर्धारित प्रपत्र में वचन पत्र (स्टाम्प पेपर)
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निर्धारित प्रपत्र (स्टाम्प पेपर) में मुख्तारनामा, मूल रूप में
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आरटीजीएस प्रणाली की सदस्यता हेतु आवेदन करने के लिए प्राधिकृत करने वाले निदेशक मंडल के संकल्प की प्रमाणित सही प्रतिलिपि
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दिन की शुरुआत संबंधी निधि अंतरण के लिए स्थायी अनुदेश
ई) एनईएफटी सदस्यता के लिए:
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एनईएफटी सदस्यता के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-VI)
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आरटीजीएस सदस्यता प्रमाणपत्र की प्रमाणित असल प्रति
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022